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ड्राइविंग में गुस्सा? इसे कैसे नियंत्रित करें।
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ड्राइविंग में गुस्सा? इसे कैसे नियंत्रित करें।

ड्राइविंग के दौरान गुस्सा आना क्यों आम है?

भारत की सड़कें अक्सर भीड़-भाड़ वाली, खराब हालत वाली और अप्रत्याशित होती हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन न करना, अचानक ब्रेक लगाना, गलत तरीके से ओवरटेक करना, हॉर्न बजाना – ये सब सामान्य दृश्य हैं जो ड्राइवरों को आसानी से चिढ़ा सकते हैं और गुस्से में ला सकते हैं। इसके अलावा, व्यक्तिगत तनाव, काम का दबाव, या थकान भी ड्राइविंग के दौरान गुस्से को बढ़ा सकते हैं। याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं जो ड्राइविंग करते समय गुस्सा महसूस करते हैं; यह एक बहुत ही आम अनुभव है।

सड़क पर गुस्से से निपटने के लिए तैयारियाँ

अपने आप को पहले से ही तैयार करना महत्वपूर्ण है। अपने रास्ते की योजना बनाएं और ट्रैफिक की स्थिति के बारे में पता लगाएं। अपनी गाड़ी में मनोरंजन का साधन रखें, जैसे कि पसंदीदा संगीत या पॉडकास्ट, ताकि आप यात्रा के दौरान शांत रह सकें। यात्रा से पहले पर्याप्त नींद लें और अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो ड्राइविंग से पहले कुछ आराम करने की कोशिश करें – गहरी साँसें लें, या थोड़ी देर ध्यान करें। यह सब आपको अधिक धैर्यवान और शांत ड्राइवर बनने में मदद करेगा।

गहरी साँसें लें और ध्यान केंद्रित करें

जब आपको सड़क पर गुस्सा आने लगे, तो सबसे पहला कदम है गहरी साँस लेना। धीरे-धीरे साँस लें और छोड़ें, अपनी साँस पर ध्यान केंद्रित करें। यह आपके शरीर को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करेगा। अपने आस-पास के वातावरण पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें – पेड़ों, इमारतों, या आसमान को देखें। यह आपके दिमाग को ड्राइविंग से हटाकर कुछ और पर केंद्रित करने में मदद करेगा और गुस्से को कम करेगा।

सकारात्मक सोच और सहानुभूति

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अन्य ड्राइवरों की गलतियाँ जानबूझकर नहीं होती हैं, अक्सर वे भी तनाव, थकान या अन्य कारणों से प्रभावित होते हैं। उनके प्रति सहानुभूति रखने की कोशिश करें और समझने की कोशिश करें कि वे क्यों उस तरह से ड्राइव कर रहे हैं। अपनी सोच को सकारात्मक रखने की कोशिश करें। अपने आप से कहें कि आप एक सुरक्षित और शांत ड्राइवर हैं और आप अपने गंतव्य पर सुरक्षित रूप से पहुँचेंगे।

अपनी सीमाओं को जानें और ब्रेक लें

अपनी क्षमता को जानना महत्वपूर्ण है। यदि आपको लगता है कि आप बहुत गुस्से में आ रहे हैं या आपका ध्यान भंग हो रहा है, तो सड़क के किनारे रुक जाएं और कुछ समय के लिए ब्रेक लें। कुछ गहरी साँसें लें, संगीत सुनें, या कुछ मिनटों के लिए आराम करें, जब तक कि आप फिर से ड्राइविंग करने के लिए तैयार न हो जाएं। यात्रा को कई छोटे भागों में बाँटना भी मददगार हो सकता है, ताकि आप लगातार लंबे समय तक ड्राइव न करें।

ड्राइविंग के दौरान तकनीक से दूरी बनाएँ

मोबाइल फोन का उपयोग या नेविगेशन सिस्टम से ध्यान भंग हो सकता है, जिससे आपका गुस्सा बढ़ सकता है। ड्राइविंग के दौरान फोन का इस्तेमाल कम से कम करें और नेविगेशन पहले से सेट कर लें। ड्राइविंग के दौरान किसी भी तरह की बातचीत को कम से कम रखें, खासकर अगर वो आपको परेशान कर रही हो। अपना ध्यान पूरी तरह से ड्राइविंग पर केंद्रित रखें।

समस्याओं का समाधान खोजें, झगड़े नहीं

अगर कोई दूसरा ड्राइवर आपको गुस्सा दिलाता है, तो कोशिश करें कि आप उससे सीधे तौर पर टकराव न करें। यह और भी ज्यादा गुस्से और खतरे को बढ़ा सकता है। बदले में, अगर संभव हो, तो शांतिपूर्वक आगे बढ़ें और स्थिति को भूल जाएं। यदि कोई गंभीर घटना होती है, जैसे कोई दुर्घटना, तो पुलिस को सूचित करें और उचित प्रक्रिया का पालन करें।

पेशेवर मदद लें

अगर आपको लगता है कि आपका गुस्सा ड्राइविंग पर बहुत अधिक प्रभाव डाल रहा है, या आपको सड़क पर बार-बार गुस्सा आता है, तो किसी पेशेवर से मदद लेने में संकोच न करें। एक थेरेपिस्ट या काउंसलर आपको अपने गुस्से को प्रबंधित करने के तरीके सिखा सकता है और आपको अधिक शांत और सुरक्षित ड्राइवर बनने में मदद कर सकता है। यह आपके और दूसरों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ क्लिक करें सड़क क्रोध के लक्षणों को कैसे पहचाने और इससे कैसे बचें