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चिंता से मुक्ति आसान साँस लेने के व्यायाम
स्वास्थ्य

चिंता से मुक्ति आसान साँस लेने के व्यायाम

चिंता और साँसों का गहरा नाता

चिंता एक आम समस्या है जो हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करती है। जब हम चिंतित होते हैं, तो हमारी साँसें तेज और उथली हो जाती हैं। यह एक प्राकृतिक शारीरिक प्रतिक्रिया है, लेकिन लगातार उथली साँसें चिंता को और भी बढ़ा सकती हैं, एक दुष्चक्र बना सकती हैं। इसलिए, साँस लेने के व्यायाम चिंता से निपटने में अत्यंत कारगर साबित हो सकते हैं। ये व्यायाम हमारे शरीर को शांत करने और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।

धीमी और गहरी साँसें: चिंता का प्रतिकार

सबसे सरल और प्रभावी व्यायाम है धीमी और गहरी साँस लेना। आरामदायक मुद्रा में बैठें या लेट जाएँ। अपनी आँखें बंद करें और अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे नाक से साँस अंदर खींचें, अपने पेट को फूलने दें। कुछ सेकंड के लिए साँस रोकें और फिर धीरे-धीरे मुँह से साँस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कई मिनटों तक दोहराएँ। यह व्यायाम आपके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को संतुलित करता है और तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।

समान साँस: संतुलन का मार्ग

समान साँस लेने का अभ्यास भी चिंता को कम करने में मदद करता है। इस व्यायाम में, आप नाक से साँस अंदर लेते हैं और उतने ही समय में मुँह से साँस बाहर छोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, चार सेकंड तक साँस अंदर लें और चार सेकंड तक साँस बाहर छोड़ें। यह आपके श्वास क्रिया को नियमित करता है और हृदय गति को धीमा करने में मदद करता है, जिससे चिंता कम होती है। इस व्यायाम को नियमित रूप से करने से आपको शांत और संतुलित महसूस करने में मदद मिलेगी।

अग्निकोपासन प्राणायाम: आंतरिक शांति का अनुभव

अग्निकोपासन प्राणायाम एक प्राचीन योग तकनीक है जो चिंता को दूर करने में अद्भुत परिणाम देती है। इसमें आप नाक के एक नथुने से साँस अंदर लेते हैं और दूसरे नथुने से साँस बाहर छोड़ते हैं। इस प्रक्रिया को कुछ मिनटों तक दोहराएँ। यह व्यायाम आपके शरीर में प्राण ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है और मन को शांत करता है। ध्यान रखें कि इस व्यायाम को सीखने के लिए शुरुआत में किसी योग प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लेना फायदेमंद हो सकता है।

भ्रामरी प्राणायाम: चिंता को भिनभिनाहट में बदलना

भ्रामरी प्राणायाम, यानी भौंरा साँस, एक और प्रभावी तकनीक है। इसमें आप अपनी आँखें बंद करके, अपनी उंगलियों से कानों को ढँक लें और धीरे-धीरे साँस लेते हुए “ओम” का उच्चारण करें। जब आप साँस बाहर छोड़ते हैं, तो अपने होंठों को हल्का सा कंपन करें, जैसे भौंरा की भिनभिनाहट। यह व्यायाम आपके मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है। नियमित अभ्यास से आपको चिंता से मुक्ति मिलने में मदद मिलेगी।

सचेत साँस: वर्तमान क्षण में रहना

चिंता अक्सर भविष्य की चिंताओं या अतीत के पछतावों से उत्पन्न होती है। सचेत साँस लेने का अभ्यास आपको वर्तमान क्षण में लाता है। इसमें आप अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बिना किसी निर्णय या आलोचना के। जब आपका ध्यान भटकता है, तो उसे धीरे से वापस अपनी साँसों पर लाएँ। यह आपको वर्तमान में रहने और चिंता के चक्र से बाहर निकलने में मदद करता है।

नियमित अभ्यास: सतत लाभ के लिए

इन साँस लेने के व्यायामों का नियमित अभ्यास करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक दिन कुछ मिनटों का समय निकालकर इन व्यायामों को करें। धीरे-धीरे इन व्यायामों की अवधि बढ़ाएँ। जैसे-जैसे आप अभ्यास करते हैं, आप पाएंगे कि आपकी चिंता कम हो रही है और आप अधिक शांत और संतुलित महसूस कर रहे हैं। हालांकि, यदि आपकी चिंता गंभीर है, तो किसी स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना ज़रूरी है। यहाँ क्लिक करें चिंता से राहत पाने के लिए सर्वोत्तम श्वास व्यायाम के बारे में।