डार्क वेब का इस्तेमाल
आजकल अपराधी डार्क वेब का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। यह इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है, जहाँ पुलिस की पहुँच सीमित होती है। यहाँ वे आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी जानकारी, हथियार, नशीले पदार्थ, और फर्ज़ी दस्तावेज़ आसानी से खरीद और बेच सकते हैं। इसके अलावा, डार्क वेब पर क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होने से उनकी पहचान छिपाने में भी मदद मिलती है, जिससे उन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। डार्क वेब पर होने वाली गतिविधियों को ट्रैक करना बेहद चुनौतीपूर्ण है, जिससे अपराधियों के लिए यह एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है।
क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग
क्रिप्टोकरेंसी का उदय अपराधियों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। इसका इस्तेमाल करके वे अपने लेन-देन को गुप्त रख सकते हैं और पैसे की ट्रेसिंग को मुश्किल बना सकते हैं। पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को ट्रैक करना बेहद मुश्किल है, जिससे अपराधियों के लिए पैसे की आवाजाही गुप्त रखना आसान हो गया है। इसके अलावा, कई क्रिप्टोकरेंसी मिश्रण सेवाएँ भी उपलब्ध हैं जो लेनदेन के इतिहास को और भी जटिल बना देती हैं।
एन्क्रिप्शन और डेटा सुरक्षा
अपराधी अब एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करके अपने संचार और डेटा को सुरक्षित रखने में महारत हासिल कर रहे हैं। यह तकनीक उनके संदेशों को अनधिकृत पहुँच से बचाती है, जिससे पुलिस उनकी गतिविधियों को समझने में मुश्किल का सामना करती है। उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों के साथ, अपराधियों के लिए अपनी पहचान छिपाना और अपने अपराधों के सबूतों को नष्ट करना आसान हो गया है।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपराधियों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल रहे हैं। वे इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके अपने जाल बिछाते हैं, जानकारी इकट्ठा करते हैं, और अपने शिकारों से संपर्क करते हैं। फर्ज़ी खातों का इस्तेमाल करके, वे अपनी पहचान छिपाते हैं और अपनी गतिविधियों को गुप्त रखते हैं। इसके अलावा, वे सोशल मीडिया पर फ़ैली झूठी ख़बरों का इस्तेमाल करके भी अपने मकसद पूरे करते हैं।
भौगोलिक सीमाओं का पार करना
इंटरनेट और ग्लोबलाइज़ेशन के युग में, अपराधी आसानी से भौगोलिक सीमाओं को पार कर सकते हैं। वे किसी भी देश से अपने अपराध को अंजाम दे सकते हैं और पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस तरह की गतिविधियों को रोकना एक बहुराष्ट्रीय चुनौती है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन गया है। वे AI का इस्तेमाल करके फर्ज़ी वीडियो और ऑडियो बना सकते हैं, जिसका इस्तेमाल वे धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के लिए कर सकते हैं। AI द्वारा संचालित बॉट्स का इस्तेमाल भी वे बड़े पैमाने पर साइबर अटैक करने के लिए कर रहे हैं। इस तरह के उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल अपराध निवारण के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। यहाँ क्लिक करें आपराधिक बचाव के तरीके के बारे में।